अगर आप सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं तो केंद्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेश स्कीम में निवेश का अच्छा मौका है। सरकार लोगों को सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (एसजीबी) एक तरह से डिजिटल गोल्ड में निवेश करने वाली स्कीम है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 की दूसरी सीरीज सोमवार से निवेश के लिए खुल गई है। इसमें 15 सितंबर तक निवेश कर सकते हैं। इस बार सोने की कीमत 5,923 रुपये प्रति एक ग्राम है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से निवेश किया जा सकता है।
ऑनलाइन आवेदन पर छूट
आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने वालों के लिए 5,923 रुपये प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य तय किया है। यह चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एसजीबी की दूसरी सीरीज होगी। आरबीआई ने ऑनलाइन और डिजिटल आवेदन कर भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी है। इस हिसाब से 999 शुद्धता वाले सोने का निर्गम मूल्य 5,873 रुपये प्रति ग्राम होगा।
स्कीम की अवधि है 8 साल
इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भारतीय नागरिक, हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली (हिन्दू अविभाजित परिवार), ट्रस्ट्स, यूनिवर्सिटीज और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स पैसा लगा सकते हैं। इस स्कीम की अवधि 8 साल है। इस दौरान निवेशक को प्रतिवर्ष 2.5 प्रतिशत के फिक्स्ड रेट के हिसाब से ब्याज मिलेगा। ब्याज का भुगतान हर 6 महीने के अंतराल पर किया जाएगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 8 साल के लिए जरूर है, लेकिन जरूरत पड़ने पर 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद भी इस स्कीम से पैसा निकाला जा सकता है।
कितने ग्राम गोल्ड में कर सकते हैं निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कोई भी निवेशक न्यूनतम 1 ग्राम सोने के लिए निवेश कर सकता है। व्यक्तिगत निवेशकों के लिए इस स्कीम के तहत निवेश की सीमा एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम तय की गई है। इसी तरह हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) के लिए भी निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम तय की गई है। लेकिन ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स जैसी संस्थाएं 1 वित्त वर्ष में अधिकतम 20 किलो ग्राम सोने तक के लिए निवेश कर सकती हैं।
स्कीम की शुरुआत 2015 में की गई थी
आरबीआई के मुताबिक इस बार भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, निर्दिष्ट डाकघरों और शेयर बाजारों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के जरिए होगी। बता दें कि सरकार ने परंपरागत सोने की मांग कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से के तौर पर स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री नवंबर 2015 में शुरू की थी।