Navratri 4th Day Puja And Bhog: शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है. माना जाता है कि मां के कुष्मांडा (Maa Kushmanda) रूप की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे कूष्मांडा देवी की पूजा अर्चना आपको करनी चाहिए, उनका मंत्र क्या है और भोग के रूप में उन्हें क्या चढ़ाना चाहिए.
मां कुष्मांडा को लगाएं मालपुआ का भोग
बैटर के लिए-
1 कप आटा
1/4 कप सूजी
1/2 कप दूध
1/4 कप दही
1/4 चम्मच इलायची पाउडर
एक चुटकी केसर के धागे
तलने के लिए घी या तेल
चीनी सिरप के लिए-
1 कप चीनी
1/2 कप पानी
नींबू के रस की कुछ बूंदें
इलायची के दाने
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विधि
- मालपुआ की चाशनी बनाने के लिए एक सॉस पैन में चीनी और पानी मिलाएं और इसे तब तक उबालें जब तक चीनी घुल न जाए.
- नींबू के रस की कुछ बूंदें क्रिस्टलीकरण को रोकने के लिए डाले और स्वाद के लिए इलायची की फली डालें.
- चाशनी को लगभग 5-7 मिनट तक या जब तक यह थोड़ी गाढ़ी न हो जाए धीमी आंच पर पकाएं. आंच बंद कर दें और एक तरफ रख दें.
- मालपुआ बैटर के लिए एक मिक्सिंग बाउल में, आटा, सूजी, दूध, दही, इलायची पाउडर और केसर के धागे मिलाएं और एक चिकना बैटर बनाने के लिए अच्छी तरह मिलाएं. इसे लगभग 30 मिनट तक आराम दें.
- एक पैन या कड़ाही में मध्यम आंच पर घी या तेल गरम करें. गर्म घी में एक करछुल बैटर डालें और इसे थोड़ा फैलाकर छोटा पैनकेक बना लें.
- मालपुआ को एक तरफ से गोल्डन ब्राउन होने तक तलें, फिर इसे कलछी की मदद से पलट दें और दूसरी तरफ से भी पकाएं.
- तले हुए मालपुआ को घी से निकाल लीजिए और पेपर टॉवल पर रखकर एक्स्ट्रा तेल निकाल लीजिए.
- गरम मालपुआ को तुरंत तैयार चाशनी में डुबा दीजिए.
- इसे लगभग 2-3 मिनट तक भीगने दें और मालपुआ को गरमा गरम परोसें. स्वाद और बनावट के लिए आप इसे बादाम या पिस्ता जैसे कटे हुए मेवों से सजा सकते हैं.
कैसे करें मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना
नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा देवी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके पीले वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान देवी मां को पीला चंदन, कुमकुम, मौली और अक्षत चढ़ाएं और एक पान के पत्ते को ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए माता को चढ़ाएं. इस बीच ॐ कूष्माण्डायै नम: मंत्र का जाप करें और पूजा करने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें.
मां कुष्मांडा के मंत्र
ॐ कूष्माण्डायै नम:
ध्यान मंत्र – वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥