लखनऊ। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक सरकार पर आरोप लगते हुए कह रहे हैं कि कर्नाटक में सभी मुसलमानों को ओबीसी में शामिल करके पिछड़ों का हक मारने का काम किया गया है। इस पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी को आइना दिखाया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में हुए ऐतिहासिक ओबीसी आरक्षण घोटाले को चर्चा में लाया है। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी देने से वंचित किए जाने के मामले पर रविवार को सोशल मीडिया “एक्स” पर लिखा,
“भाजपा के ख़िलाफ़ उप्र के बेरोज़गार युवाओं का आक्रोश तब और बढ़ जाता है जब भाजपा का शीर्ष नेतृत्व झूठे बयानों से जनता को बहकाने की कोशिश करता है।”
उन्होंने ने आगे लिखा “ताज़ा मामले में #69000_शिक्षक_भर्ती में जिस प्रकार भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण मारा गया उसके बारे में अब भाजपा बेशर्मी से कह रही है कि हम किसी को आरक्षण मारने नहीं देंगे। कोई इन झूठे भाजपाइयों से पूछे कि जब देश-प्रदेश दोनों जगह सरकार आपकी है तो फिर आरक्षण भी तो आप ही मारेंगे न।”
भाजपा समझ गयी है कि अब PDA समाज जाग गया है और अपने आरक्षण और आरक्षण देनेवाले संविधान को बचाने के लिए भाजपा के ख़िलाफ़ थोक में वोट कर रहा है तो भाजपाई सरेआम झूठ बोलने पर उतारू हो गये हैं।
भाजपा से जनता का मोहभंग हो चुका है।
युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!