लोकसभा चुनाव 2024 का चुनावी रण आखिरी दौर में है। आज अंतिम चरण में 57 संसदीय सीटों पर मतदान जारी है। शाम इस चरण के पूरा होते ही 19 अप्रैल से 543 लोकसभा सीटों के लिए शुरू हुई सात चरणों की मैराथन मतदान प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। 4 जून को मतगणना होगी और उसी दिन नतीजे आएंगे।
हालांकि नतीजों से पहले एग्जिट पोल सामने आएंगे, जिससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि इस बार कौन सी पार्टी की केन्द्र में सरकार बन रही है। कई बार एग्जिट पोल के नतीजे और मतगणना रिजल्ट काफी हद तक एक जैसे होते हैं, लेकिन कभी-कभी दोनों में बड़ा अंतर अथवा बिल्कुल विपरीत ही परिणाम निकल जाते हैं। चुनावी घमासान में एग्जिट पोल की तरह ओपिनियन पोल की भी चर्चा होती है। ऐसे में आखिर ओपिनियन पोल से एग्जिट पोल कितना अलग है और दोनों में कौन ज्यादा सटीक होता है यहां यह जानके की कोशिश करेंगे।
एग्जिट पोल क्या होता है
एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे है। यह मतदान के दिन किया जाता है। इसमें मतदान करके निकले वोटरों से सवाल पूछकर ये जानने की कोशिश की जाती है कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट किया। इसके आधार पर प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके एग्जिट पोल तैयार होता है। एग्जिट पोल से चुनाव परिणामों का अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे। कई बार एग्जिट पोल सही साबित होते हैं। हालांकि, कई बार ये अनुमान गलत भी साबित होते हैं।
भारत में, चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के परिणामों को मतदान के दिन प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। हालांकि, यह बैन सभी फेज की वोटिंग पूरी होने के बाद प्रसारित किए जा सकते हैं। इसका मतलब है लोकसभा चुनाव में सातवें फेज की वोटिंग संपन्न होने के कुछ घंटे के बाद यानी शाम 6.30 के बाद एग्जिट पोल सामने आ जाएंगे।
2014-2019 के लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा को जीत
2014 लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा की जीत का अनुमान लगाया गया था। 2014 में भाजपा सत्ता में आ गई। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार का अनुमान जताया गया था। नतीजे भी एग्जिट पोल के मुताबिक ही आए।
क्या है ओपिनियन पोल
ओपिनियन पोल एग्जिट पोल से अलग है। यह चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले किए जाते हैं। इसमें वोटिंग से पहले लोगों के मूड को परखा जाता है। एग्जिट पोल में चुनाव के दौरान वोट करने आए मतदाताओं से उनकी राय ली जाती है और चुनाव संपन्न होने के बाद इसे जारी किया जाता है। लेकिन ओपिनियन पोल चुनाव की घोषणा से पहले किया जाता है। इसमें आम लोगों की राय से देश का मूड समझा जाता है। ओपिनियन पोल एक प्री पोल सर्वे होता है। चुनाव ऐलान से पहले इसे दिखाया जा सकता है। चुनाव घोषित होने और आदर्श आचार संहिता लागू होते ही ओपिनियन पोल पर बैन लग जाता है।