साइकिल का नाम सुनते ही, बचपन के समय की याद आ जाती है, कि कैसे गिरते पड़ते साइकिल चलाने सीखते थे। कभी कभार तो चोट भी लग जाती थी, लेकिन इसके बावजूद साइकिल को बचपन में जीवन का अहम हिस्सा बना लिया था। साइकिल का इस्तेमाल कभी शौकिया तौर पर तो कभी स्कूल जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते थे। मैं ही नहीं पहले के समय तो साइकिल लगभग हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा था। लोग इसका इस्तेमाल काम पर जाने से लेकर बाजार जाने तक हर जगह इस्तेमाल करते थे। लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, साइकिल की उपयोगिता भी बदल गई। आजकल तो साइकिल केवल एक्सरसाइज की तरह देखा जाता है। लेकिन साइकिल की उपोयगिता अभी भी बरकरार है। क्योंकि साइकिल हमारे पर्यावरण के सहित हमे स्वस्थ रखने के लिए भी फायदेमंद है। इसी तरह के कई फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।
विश्व साइकिल दिवस का इतिहास
विश्व साइकिल दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2018 में हुई। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके लिए 3 जून का दिन तय किया गया। तब से भारत समेत कई देश विश्व साइकिल दिवस हर साल 3 जून को मनाते हैं।
विश्व साइकिल दिवस मनाने का उद्देश्य
दरअसल आज के समय में तकनीक के विकास के साथ ही गाड़ियों का उपयोग बढ़ने लगा है। लोगों ने समय की बचत और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया। इसकी जगह बाइक, स्कूटी, कार आदि को परिवहन का साधन बना लिया है। इससे गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण से हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में साइकिल के उपयोग और जरूरत के बारे में बच्चों और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।
साइकिल चलाने के फायदे
विश्व साइकिल दिवस मनाने के कई उद्देश्य और फायदे हैं। क्योंकि साइकिल हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद तो हैं ही, साथ ही साइकिल चलाना हमारे सेहत के लिए भी लाभकारी है। अगर एक वाहन के तौर पर देखें तो स्कूल-कॉलेज से लेकर कार्यस्थल तक जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। साइकिल के उपयोग से डीजल-पेट्रोल का दोहन कम होने के साथ ही शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होता है। साइकिल चलाने से वजन कम करने से लेकर मांसपेशियों को मजबूती, अच्छा व्यायाम आदि हो जाता है। इसी तरह के कई और फायदे हैं।