- सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद भर भरोसा जताया है
अयोध्या। लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार का बदला लेने के लिए मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को भाजपा ने प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी कमान संभाल रहे हैं। हालांकि, यह चुनाव भाजपा व सपा सांसद अवधेश प्रसाद दोनों के लिए अहम माना जा रहा है, जिसे लेकर दोनों दल एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे और चुनाव बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है।
राम मंदिर निर्माण के बावजूद भारतीय जनता पार्टी फैजाबाद लोकसभा सीट हार गई। इसे लेकर देश-दुनिया में भाजपा की खूब किरकिरी भी हुई। मिल्कीपुर से विधायक रहे अवधेश प्रसाद इस बार सपा से सांसद चुने गए हैं। ऐसे में यह सीट रिक्त हुई है, जिस पर उपचुनाव होना है। सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद भर भरोसा जताया है। जबकि भाजपा में अभी टिकट पर मंथन चल रहा है लेकिन भाजपा लोकसभा चुनाव में हुई हार का बदला मिल्कीपुर उपचुनाव जीतकर लेने के लिए मजबूत व्यूह तैयार कर रही है।
सीएम योगी ने इस चुनाव की कमान खुद संभाली है। पखवारे भर में ही वह दो बार दौरा कर चुके हैं और अब तीसरा दौरा भी उनका प्रस्तावित है। इस लिहाज से यह सीट प्रदेश में वीआईपी हो चुकी है, जिस पर दोनों प्रमुख दलों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। भाजपा के लिए जहां लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेकर लाज बचाना अहम है तो अवधेश प्रसाद के लिए अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करवाने की भी चुनौती है।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट से रामलहर के दौरान 1991 में भाजपा से मथुरा प्रसाद तिवारी विधायक बने थे। इसके बाद 2017 में दूसरी बार भाजपा का खाता खुला और गोरखनाथ बाबा विधायक बने। वहीं, सपा से 1996 में मित्रसेन यादव, 1998, 2002 व 2004 में रामचंद्र यादव, 2012 और 2022 में अवधेश प्रसाद विधायक बने। इस लिहाज से इस सीट पर सपा की मजबूत पकड़ मानी जाती है। विधानसभा उपचुनाव के लिए सपा ने अयोध्या की मिल्कीपुर सीट की कमान सांसद अवधेश प्रसाद को दी है। भाजपा से यहां की जिम्मेदारी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों में ली है। अवधेश इसी सीट से विधायक रहते हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद लल्लू सिंह को हराकर सांसद बने हैं। अवधेश के साथ विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव को मिल्कीपुर से प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा सपा ने पांच अन्य सीटों पर भी उपचुनाव की तैयारियों के लिए दिग्गज उतार दिए हैं।
मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। अलग-अलग फोरम पर अब तक 24 से अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से आवेदन के साथ बायोडाटा दिया जा चुका है। पार्टी नेतृत्व प्रत्याशी चयन में जल्दबाजी के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उपचुनाव में इस सीट की कमान संभालने के बाद स्थानीय संगठन ने पूरा ध्यान अब यहीं पर केंद्रित कर दिया है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार के बाद पार्टी यहां पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसीलिए हर कदम फूंक-फूंक कर रखा जा रहा है। संगठन ने प्रत्याशी की घोषणा होने का इंतजार किए बगैर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। कई पदाधिकारियों का ज्यादातर समय यहीं पर बीत रहा है।