आगरा । अचार जहाँ अबतक खाने में स्वाद भर रहा था तो वहीं अब वह लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम कर रहा है। मसालों के मिश्रण में लिपटे खट्टे आम और तीखी मिर्च के अचार ने तीन दर्जन से अधिक महिलाओं के जीवन में आत्मनिर्भरता की मिठास खोल दी।

आगरा के ताजगंज के बाई खुर्द गांव की रहने वाली भगवती देवी अपनी इस यात्रा को याद करते हुए बताती है कि वह कुछ समय पहले महिलाओं के साथ राजमंडी बाजार लगे खादी ग्रामोद्योग मेला देखने गई थीं। यहां उन्होंने महिलाओं और उनके समूह द्वारा तैयार चीजों को बेचते देखा। तभी भगवती देवी को भी अचार बनाने का विचार आया। क्योंकि उनके बनाए आम, नींबू मिर्च के अचार की अकसर गाँव की महिलाएं प्रशंसा करती थीं।


फिर क्या था… गांव की अन्य 15 महिलाओं के साथ मिलकर मां भगवती स्वंय सहायता समूह बनाया गया। जहाँ अचार बनाने का काम शुरु किया गया। इसके बाद समूह को राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़ा गया। इससे महिलाओं की आर्थिक समस्या भी दूर हुई और समूह को दो लाख रुपये का ऋण मिला। जिस्से पैकिंग मशीन सहित अन्य अवश्यक सामान खरीदा गया।


इसके बाद महिलाओं ने घर में अचार तैयार कर उसे आसपास की दुकानों पर बेचना शुरु किया… समूह द्वारा कई मेलों में भी स्टाल लगाकर अचार बेचा गया। जिसका अच्छा रिस्पांस आया। अचार उद्योग से समूह की महिलाओं का न सिर्फ विश्वास बढ़ा बल्कि आर्थिक लाभ भी हो रहा है। आज समूह एक लाख रुपये महीने से अधिक कमा रहा है। साथ ही गांव की 40 महिलाओं को भी रोजगार देने का काम कर रहा है।

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By pratik khare

पत्रकार प्रतीक खरे झक्कास खबर के संस्थापक सदस्य है। ये पिछले 8 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने कई समाचार पत्र, पत्रिकाओं के साथ - साथ समाचार एजेंसी में भी अपनी सेवाएं दी है। सामाजिक मुद्दों को उठाना उन्हें पसंद है।

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